मेरी आवारगी में कà¥à¤› क़सूर अब तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ à¤à¥€ है,
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वकà¥à¤¤ खà¥à¤¦ ही दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ की याद दिला देता है।
हवाà¤à¤‚ तेज़ हो जायें और कशà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में शाम हो जाये;
यादों से नहीं तो साथ गà¥à¥›à¤¾à¤°à¥‡ लमà¥à¤¹à¥‹à¤‚ से पूछ लेना​।
जिसके दिल में रहना चाहते हैं, वो सूरत सिरà¥à¤« याद बन कर रह जाती है।
ये अचà¥à¤›à¤¾ उसने मेरे कतल का तरीका ईजाद किया;
सà¥à¤¨à¤¾ है दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ की दà¥à¤† में फरिशà¥à¤¤à¥‹à¤‚ की आवाज़ होती है!
ये नहीं कहते कि साथ रहो दूर सही पर याद रखना!
कोई à¤à¥‚ल नहीं पाता और किसी को याद नहीं आती।
कितने अनमोल होते हैं ये यादों के रिशà¥à¤¤à¥‡ à¤à¥€,
उनसे हà¥à¤ˆ हर à¤à¤• मà¥à¤²à¤¾à¤•à¤¾à¤¤ मेरी यादों में दौड आई।
मर जाऊ मैं हिचकियों से वो इस कदर मà¥à¤à¥‡ याद करें!
If I detest a person since I am scared of him, and if I am aware about my despise but not of my dread, we might say that my dislike is acutely aware and that my dread is unconscious; continue to my worry would not lie in that mysterious spot: 'the' unconscious."[34]
आदतन तà¥à¤®à¤¨à¥‡ कर दिये वादे, आदतन हमनेठà¤à¥€ here à¤à¤¤à¤¬à¤¾à¤° किया;